भारत के 1991 के आर्थिक सुधारों और शेयर बाजार की स्थिरता से लेकर प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल तक, विवादों और चुनौतियों से निपटने तक, मनमोहन सिंह की यात्रा 2024 तक का सफर
Dr मनमोहन सिंह को हम सब जानते हैं कि उन्होंने 10 साल तक प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया सर्व किया है!
लेकिन डॉक्टर मनमोहन सिंह फाइनेंस मिनिस्टर रहे लोग अभी भी नहीं जानते हैं क्योंकि उसे टाइम पर आप लोगों में से बहुत सारे लोगों का जन्म भी नहीं हुआ था मैं बात कर रहा हूं 1991 की 1991 के अंदर भारत के अंदर फॉरेन कंपनी नहीं था भारत के अंदर इतना आसान नहीं था कि जैसे आज आप लोग देखते Honge आज के टाइम पर फॉरेन कंपनी बहुत मिल जाएंगे भारत में जैसे कि आप लोगों को कोई Car चाहिए मर्सिडीज़ या बीएमडब्ल्यू यह सब 1991 के अंदर था ही नहीं
ऐसा क्यों था क्योंकि 1991 के अंदर सरकार बनती है कांग्रेस का P.v नरसिम्हा राव का यह थी कांग्रेस की सरकार जब सरकार बन जाती है तब P.V नरसिम्हा राव जो कि आप लोग Scam 1992 The harshad mehta Story सीरीज आप लोग देखे होंगे
लेकिन उनके सामने बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई थी मुसीबत यह था कि भारत के पास तीन हफ्ते का भी फॉरेन रिजर्व नहीं था इंपोर्ट करने के लिए जो कि भारत को गैस चाहिए था भारत में 1980 में बहुत ज्यादा डिपेंडेंट था सोवियत यूनियन पर आज रसिया बोल सकते हो
तो रसिया से तेल लेते थे हमें उस Time पर बहुत सस्ते दामों में रे मटेरियल मिलता था
हर्षद मेहता के टाइम पर P.Vनरसिम्हा राव प्राइम मिनिस्टर थे
और हम लोग उसे टाइम पर डॉलर के ऊपर डिपेंड नहीं थे तब तक लेकिन गल्फ के अंदर क्राइसिस आ गया तेल का प्राइस बहुत ज्यादा शूट अप हो गया
भारत को खतरा था कि भारत के पास उस टाइम पर भारत बहुत ज्यादा इंपोर्ट कर रहे थे लेकिन एक्सपोर्ट हमारा बहुत ज्यादा था नहीं हमारी ऐसी कोई पॉलिसी था ही नहीं की बिजनेस बहुत आसानी से हो जाए
उस टाइम पर लाइसेंस राज चलता था मतलब आप लोगों ने तेल का स्कीम 2003 देखे होंगे तो आप लोग देखे होंगे कि उसे टाइम पर कुछ ही चुनिंदा बिजनेसमैन के पास लाइसेंस लाइसेंस होता था
उसे टाइम पर भारत का हाल ऐसा हो गया था कि महंगाई बढ़ रही थी मतलब अभी आप लोग inflation डाटा देखोगे तो 5,6,7% चला गया तो लोगों के पास जो वे सामान खरीदते थे या खरीदना चाहते थे उस टाइम पर लोगों के पास उतना पैसा ही नहीं था इन्फ्लेशन इतना ज्यादा बढ़ गया था जो गरीब लोग थे वह अफोर्ड ही नहीं कर पाते थे यह भारत के लिए बहुत बड़ा इकोनामिक क्राइसिस था उसे टाइम पर
1991 मैं P.V नरसिम्हा राव का सरकार तो बना ली लेकिन सरकार बनने के बाद इन्हें चाहिए था एक Strong Finance Minister
तो इन्होंने P.V नरसिम्हा राव ने बात करी डॉक्टर मनमोहन सिंह जी से डॉ मनमोहन सिंह बहुत पढ़े लिखे इंसान थे
लेकिन P.V नरसिम्हा राव ने फोर्स किया डॉक्टर मनमोहन सिंह को आप फाइनेंस मिनिस्टर बनिए और हमें इस ट्रैवल से बाहर निकालिए
तो यहां पर आता है Budget 1991 का बजट जो कि फाइनेंस मिनिस्टर Dr मनमोहन सिंह पेश करते हैं 24 जुलाई को 1991 में
इस बजट में डॉक्टर मनमोहन सिंह बोलता है कि इंडिया अब ओपनिंग हो रहा है दुनिया के लिए
India उसे टाइम पर दो बिलियन का लोन ले चुके थे यह जो हमारा रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया है उसने उसे टाइम पर हमारा या हम लोगों का 47 टन गोल्ड बैंक ऑफ़ इंग्लैंड को दे दिया था 600 मिलियन डॉलर के लोन के लिए हमें जो इंपोर्ट के लिए जो पैसा देना है
हम लोग उसे BOP बोलते हैं BOP का मतलब Balance Of Payment’sBOP करेंसी इंटरनेट में देखेंगे तो आप लोगों को क्लीयरली 1991 की Bop Crisis देखने को मिल जाएंगे
मैं आप लोगों को समझता हूं:-
जब कोई कंट्री या तो अपना उधर नहीं चुका पाता या फिर इंपोर्ट की पेमेंट नहीं कर पता तो इसे Balance Of Payment’s बोलते हैं
उस टाइम पर इंडिया को जरूरत थी कि विदेश से पैसा इंडिया में आए और यहां पर डिश इन्वेस्टमेंट भी आलो कर दिया था इन्होंने बहुत सारी ऐसी कंपनी की जो की गवर्नमेंट के सब्सिडियरी थी
Public सेक्टर के लिए 20% पर गवर्नमेंट इक्विटी म्युचुअल फंड और इन्वेस्टमेंट institutional के लिए ऑफर कर दिया गया था
एक तो विदेश का पैसा इंडिया में आएगा और दूसरी चीज पब्लिक सेक्टर है उसके अंदर पब्लिक पार्टिसिपेशन आ जाएगा लेकिन यह सिर्फ अकेला चीज नहीं करी थी डॉक्टर मनमोहन सिंह ने इन्होंने India के दरवाजा खोल दिए थे की पूरी वर्ल्ड के इंडिया के साथ ट्रेड कर सकते हैं
2004 मैं डॉक्टर मनमोहन सिंह बन जाते हैं प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ इंडिया वे भी पूरे 10 सालों के लिए 2014 तक यह सर्व करते हैं
अगर आप देखेंगे इन्होंने 4 और बड़ी चीज कड़ी है जो इंडिया कभी भूल नहीं पाएंगे
सबसे इंपोर्टेंट है राइट टू इनफार्मेशन एक्ट यह सन 2005 में पास हुआ
अब इसके अंदर क्या है कि आप सीधी किसी भी इनफॉरमेशन का एक्सेस कर सकते हो एक सिटीजन बीइंग The सिटीजन ऑफ़ इंडिया आप मांग सकते हो कोई भी इनफॉरमेशन गवर्नमेंट ऑफिस से डिपार्टमेंट से मिनिस्ट्री से और कोई भी ऑर्गेनाइजेशन गवर्नमेंट रन करती है और 30 दिन के अंदर आपको इनफॉरमेशन मिलना चाहिए
आपके पास एक राइट है और यह आपका फंडामेंटल राइट है
लेकिन यह जब उन्होंने राइट टू इनफार्मेशन पास किया तो यह कांग्रेस पार्टी के लिए उल्टा पर गया इसके बाद कई सारे स्कीम एक्सपोज्ड हुए और बात आई कि डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार ने कई सारे स्कीम के अंदर पार्टिसिपेट किया उनके नेताओं ने पार्टिसिपेट किए हैं डॉ मनमोहन सिंह साहब से यह सवाल पूछे जाने लगे और सवाल का जवाब भी दिए Dr Manmohan Singh Educated Prime Minister थे
इसके अलावा महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी एक्ट जिसे हम लोग मनरेगा भी बोलते हैं इसके अंदर अगर आप 18 साल से ऊपर है और एक रूलर एरिया से आते हैं तो आपको काम दिलाने की मिनिमम वेज प्रोवाइड करने की जिम्मेदारी गवर्नमेंट की हो जाती है
इसके अलावा इंडिया ने यूनाइटेड स्टेट सिविल न्यूक्लियर एग्रीमेंट किया था यह भी डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान ही किया गया था
और 2013 का जो हमारा फूड सिक्योरिटी बिल है जिसके अंदर ऑलमोस्ट 75% रुरल पापुलेशन को और 50% अर्बन पापुलेशन को सबीसडाइस रेट में खाना मिलती है खाना सस्ता मिलना यह बहुत जरूरी है इंडिया के लोग भूख ना रहे यह भी बहुत जरूरी है
और यह जो एक्ट है यह भी पास हुआ था डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान ही
डॉ मनमोहन सिंह साहब को कई सारे लोग बोलते हैं कि यह तो हमेशा गुम सुम रहते थे
लोग डॉक्टर मनमोहन सिंह को कुछ भी बोले लेकिन मैं बोलूंगा Save Of India
हमारा शेयर मार्केट का सबसे पुराना इंडेक्स सेंसेक्स है यह 1986 में शुरू हुआ था 1 जनवरी को
लेकिन जब 1991 में बजट आया तो बजट के बाद सेंसेक्स रॉकेट बन गया
Almost आप लोग अगर देखोगे सेंसेक्स को यह 1000, 1400 रुपए के रेट से यह सीधा 2000 का हो गया था 1 साल के अंदर और उसके बाद सीधा रॉकेट की तरह पहुंच गया 4300 यह बजट इतना हमारा इकोनॉमी के लिए आहम था सीधा-सीधा सेंसेक्स का भाव चार गुना बढ़ जाता है
और आज के डेट में सेंसेक्स देख पा रहे हैं 78600 के आसपास में यह इसलिए पॉसिबल हुआ
क्योंकि आज हम लोग बोलते हैं Fii’s के इन इन इनफlलेज आ रहे हैं फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टमेंट इंडिया में आ रहे हैं और हमारे स्टॉक मार्केट का प्राइस बढ़ रहा है लोगों का मुनाफा हो रहा है म्युचुअल फंड में लोगों का बेनिफिट मिल रहा है
यह सब इसलिए हो पा रहा है क्योंकि डॉक्टर मनमोहन सिंह का सरकार बहुत बड़ा इकोनामिक रिफॉर्म किया था
उसे टाइम पर बेस्ट फाइनेंस मिनिस्टर थे इंडिया के डॉक्टर मनमोहन सिंह
निष्कर्ष:- इस आर्टिकल में डॉक्टर मनमोहन सिंह फाइनेंस मिनिस्टर से प्राइम मिनिस्टर तक का सफर के बारे में चर्चा किए हैं! हम सब जानते हैं 10 साल तक प्राइम मिनिस्टर रहे और उससे पहले फाइनेंस मिनिस्टर रहे और 1991 से 2024 तक डॉ मनमोहन सिंह का क्या योगदान रहा है इसके बारे में भी चर्चा किया आप लोगों को यह आर्टिकल पढ़कर कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताइए और ऐसे ही फाइनेंस से रिलेटेड जानकारी के लिए 24 न्यूज़ कैंपस हिंदी के साथ बने रहिए धन्यवाद