- हेलो दोस्तों इस आर्टिकल में शेयर मार्केट और सोना पर बढ़ा टैक्स के बारे में बताए गए है Budget 2024
जैसे ही टैक्स की खबरें आती है अपरा तफरी का माहौल मच जाता है सरकार ने यहां वहां टैक्स लगाकर और यहां वहां कुछ राहत देने का जो काम किया है क्या उसे लोगों की आमदनी बढ़ेगी या सरकार की आमदनी बढ़ेगी क्या इस बजट से लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आएंगे
नौकरी वाले लोग हिसाब जोड़ने में लगे हैं कि टैक्स से 17500 बचेगा तो इस पैसे से क्या-क्या करेंगे कहां-कहां जाएंगे क्या-क्या खरीदेंगे इतना ज्यादा पैसा बच गया है कि समझ नहीं पा रहे हैं कि शेयर मार्केट में लगाए या सोना खरीद ले या फ्लैट खरीद ले क्योंकि शेयर बाजार में मेहनत करने वाले लोगों के लिए यह बजट बहुत बड़ा झटका लेकर आया है जो Share बाजार में जो लोग दिन भर लगे रहते हैं वह भी काफी मेहनत करते हैंअब यह क्लास काफी बदल गया है कॉविड के बाद से बड़े संख्याओं में गांव कस्बे और साधारण लोग शेयर मार्केट में आ गए हैं जिससे बाजार का आधार भी बहुत बड़ा होते चला गया है शेयर मार्केट में लोगों की भीड़ बढ़ गई है
लेकिन बेशक एक तबका घोड़ पेशेवर और बड़े निवेश को और खिलाड़ियों का है जो शेयर मार्केट के मास्टर है लेकिन गोल्ड बॉन्ड इक्विटी म्युचुअल फंड में पैसा लगाने वाले में आम लोग भी शामिल है जो शेयर मार्केट की तरह चल पड़े और बैंक में ब्याज दर काटने लगे कमाई में बढ़ोतरी नहीं हो रही थी तो अपना पैसा बचाने के लिए और बढ़ाने के लिए शेयर मार्केट की तरह लोग चल पड़े अब सभी प्रकार के एसिड पर लॉन्ग टर्म टैक्स 12.5% कर दिया गया है
http://Buget 2024 Share और सोना पर बढ़ा Tax
लेकिन इस फैसले से शेयर बाजार के हर एक खिलाड़ी पर एक समान असर पढ़ने लगा है क्योंकि कहना बहुत ही मुश्किल है क्या ऐसे नए निवेशक या आम निवेशक इस बात से खुश होंगे इस बजट में 1 साल बाद बेचे जाने वाले share से कमाई पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स 10% से बढ़कर 12.5% कर दिया गया है
अगर आपलोगों ने Share खरीदने के 1 साल पहले ही bacha तो कैपिटल गेन टैक्स अब 15% की जगह 20% देना पड़ेगा
लेकिन कॉरपोरेट टैक्स में छूट दी गई तब इन लोगों ने नहीं कहा कि उन्हें क्यों हमें भी छूट दे दो 2019 में भी कॉरपोरेट टैक्स घट गया था टैक्स संग्राम में पर्सनल इनकम टैक्स का हिस्सा बढ़ता गया और कॉरपोरेट टैक्स का हिस्सा घटत गया इधर इसका आलोचना भि हुई लेकिन सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में दी गई छूट वापस नहीं लिया
लेकिन आम लोगों से लेकर खास निवेदक लपेट में आ गया
पहले तो आम लोगों को कहते हैं कि यहां निवेश करो यहां पर टैक्स नहीं लगेगा वहां पर इंटरेस्ट नहीं है यहां पर एंट्रेंस बहुत ज्यादा है बैंक में पैसा रखने से एंट्रेंस नहीं मिलता है अगर मिलता है तो बहुत कम एंट्रेंस मिलता है इसलिए आप लोगों को शेयर मार्केट में पैसा लगाना चाहिए यहां पर कमाई और टैक्स भी बहुत कम है और इस तरह के जाल में सब लोग फंस जाते हैं और सब लोग सेंसेक्स और निफ्टी 50 के पीछे भागने लगते हैं
लेकिन जब बजट के बाद जोड़ते हैं आम लोग टैक्स शुरुआत में ही टैक्स लगा होता है अगर आप लोगों को पहले ही पता होता तो आप लोग सतर्क हो जाते और आप लोग इस तरह से भीड़ बनकर नहीं जाते
इससे एक बात तो समझ में आ गया आप लोग अगर इस तरह से भागेंगे तो वहां पर आप लोगों को घेर लिया जाएगा तब आप लोगों के ऊपर टैक्स लगा दिया जाएगा
जो लोग निवेश से बेशुमार दौलत बना रहा है लेकिन सैलरी क्लास भी तो शेयर मार्केट में सोना और मकान में निवेश करता है उसकी कमाई तो बढ़ नहीं रही है लेकिन अब हर तरह के asset के कैपिटल गेन पर 12.5% टैक्स देना होगा सरकार को
अगर सोना खरीद कर दो साल बाद बेचेंगे तो उसमें भी आम लोग प्रभावित होंगे लेकिन उस पर भी टैक्स का भार पड़ेगा या टैक्स लगेगा
आम आदमी अपने बुरे वक्त में जिसके पास सोना थोड़ा बहुत होता है तो सोने गिरवी रखते हैं या सोने बेचकर अपना समस्या का हल कर लेते हैं लेकिन इन सब पीछे भी सरकार लगे हैं टैक्स लेने के लिए
इधर कांग्रेस का नेता कहते हैं कि:-
जो आए दम सी गई है वह जो बिल थम सी गई है जो लोगों को इनकम और आए जो बढ़ नहीं रही है लगभग लगभग 6 साल से लोगों की इनकम एक जैसा प्रतीत हो रही है
वर्ष 2017 से 18 प्रतिवर्ष 18 से 23 के बीच में जो स्वरोजगार पाते हैं 12000 से 18000 रुपया कमाते हैं प्रति महीना जो दिहारी मजदूरी करते हैं वह करीब करीब 7500 कमाते हैं और जो मजदूर है वह 19760 रुपया कमाते हैं हमारी हमेशा से डिमांड रही है कि हमारे मेनिफेस्टो में यह रहा है कि ₹400 प्रति दिन न्यूनतम आए हर एक श्रेणी की होना चाहिए इस श्रेणी की जो आए हैं मजदूरी की जो आए हैं वह ₹400 प्रतिदिन फिक्स किया जाए कांग्रेस के नेता ने कहा यह हमने अपने घोषणा पत्र में डाला था
लेकिन असलियत है कि जीरो से 20% टैक्स पैकेट के अलावा किसी भी प्रकार टैक्स देने वाले को कोई राहत नहीं दिया है और खास तौर से दिहारी मजदूरी वह जो शायद टैक्स पैकेट में नहीं आते हैं जो गरीब और गुरबत से जूझ रहे हैं पिछले 6 सालों में जिनकी इनकम नहीं बढ़ी है उनका कोई भी रहता कोई भी रियायत नहीं दी गई है
इधर प्रधानमंत्री ने कहा यह बजट करदाताओं को राहत देने वाला है एनडीए सरकार ने कहा पिछले 10 सालों में यह सुनिश्चित किया गया है कि गरीब और मध्यम वर्ग को लगातार टैक्स से राहत मिलती रहे इस बजट 2024 में भी इनकम टैक्स में कटौती और वृद्धि का फैसला लिया गया है TDS के नियमों को भी सरल किया गया है
इसके अलावा बजट में विदेशी कंपनी पर टैक्स कम कर दिया गया है लगभग लगभग 40 से 35% कर दिया गया है ताकि विदेशों से पूंजी आए तो कंपनियों में ही देखिए कितने प्रकार के टैक्स है जून 2024 की खबर की मुताबिक आरबीआई के अनुसार भारत में आने वाले शुद्ध FDI 1 साल में 62% नीचे गिर गई लगभग 10 अरब डॉलर पर आ गई जो 2007 के बाद से बहुत ही काम है
आत्मनिर्भर भारत में केवल यही नहीं है कि आप ही आत्मनिर्भर बन जाए बल्कि यह भी है कि चीन कंपनी यहां पर आए अपना सामान बेचकर और टैक्स का लाभ भी उठाएं
- Budget 2024 शेयर बाजार का चेहरा देखकर भारत की इकोनॉमी का चेहरा गुलाबी बताने वाले आजकल गुलाबी के कांटे की तरह नुकीले कांटे नजर आ रहे हैं यह बजट गठबंधन के लिए था वह साथ मिलकर लिया गया लेकिन यह बजट के बाद पूरे भारत में है है कर मचा हुआ है
निष्कर्ष:- इस आर्टिकल मैं 2024 के बजट के बारे मैं आर्टिकल लिखे हैं जिसमें शेयर मार्केट और सोना और भी अदर टैक्स पर बढ़ोतरी होने वाले टैक्स के बारे में लिखे हैं आप लोगों को यहां Article पढ़कर कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताइए धन्यवाद