Share बाजार में गिरावट के दौरान, हर कोई सलाह देता है: घबराएं नहीं, धैर्य रखें, जल्दबाजी में बेचने से बचें, गिरावट पर खरीदारी करें, इत्यादि। लेकिन आइए आज ध्यान केंद्रित करें- हम वास्तव में बाजार गिरावट के बारे में चिंतित क्यों हैं? आइए वास्तविक चिंताओं पर गौर करें, की खासकर जब बाजार में गिरावट और एफआईआई और डीआईआई (Dii) की भूमिका की बात आती है।
http://Stock Market Crashing |आज शेयर बाज़ार क्यों गिर रहा है?कारण
•परिचय
•इस मार्केट क्रैश में क्या होगा?
•FII भारत से बाहर क्यों जा रहे हैं?
•एफआईआई कैसे काम करता है?
•स्टॉक मार्केट क्यों गिर रहा है?
•क्या शेयर बाज़ार में और गिरावट
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https://24newscampushindi.com/indian-stock-market-to-crash-more/?amp=1
What will Happen in this market crash correction?
मार्केट Crash Correction में क्या होगा With इन्वेस्टर
एक कॉमन फैक्टर में जो बात हो रही है इस correction कि वह है एफ आई आई यानी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर ने बहुत ज्यादा सीलिंग की है भारत से पैसा निकाला हैl
देखो भारत में हमको फंडामेंटल यहां समझना है कि अक्सर कई बार लोग इसको क्या करने लगते हैं कि बीजेपी कांग्रेस पॉलिटिकल इशू बना देते हैं!
Bjp वाले लोग कहेंगे देश बहुत अच्छा Grow कर रहा है और कांग्रेस वाले लोग कहेंगे कि मोदी वाले राज में इकोनामिक खराब है और भी तरह-तरह की चीजे यह दोनों ही दो तरह के एक्सट्रीम है हम इस तरह के पॉलिटिकल बातें नहीं करेंगे
How Fii’s Work ?
यह जो FIIs होती है ना यह बहुत ही अपॉर्चुनिटी होते हैं यह मौका परस्त बहुत ज्यादा होते हैं और वह अपनी जगह सही है इनके पास दुनिया के अलग-अलग जगह से अलग-अलग देशों से इन्वेस्टर ने पैसा दिया है और दुनिया में जहां अपॉर्चुनिटी है वहां लगाओ और हमें रिटर्न लाकर दो
यह जो पैसा लाते हैं यह किसी भी देश का पैसा नहीं होता है इनको जहां अपॉर्चुनिटी अच्छा लगेगा वहीं पर शेयर बाय करेंगे और Share को सेल करेंगे
दूसरा यह जब किसी भी देश में इन्वेस्ट करते हैं तो यह कंपेयर करते हैं कि उनके डोमेस्टिक देश में पैसा लगाएं उसके मुकाबले वहां खुद के देश में पैसा ना डाल के यह किसी इंटरनेशनल मार्केट में जाए तो क्या उससे बेटर रिटर्न मिलेगा
जैसे मान लो कि आपके पास कोई दुकान है जिससे आपको रेंटल rate आती रहती है साल की 6% 1 करोड़ की दुकान है तो आप साल का ₹600000 किराया उससे काम लेते हो
एक समझने वाली बात इसमें यह है कि Fii’s फिर वहां जाते हैं जहां उनका रिटर्न मिलती है उनके हैंडल रेट से ऊपर उनको लगता है कि भारत में हमको काम से कम 15% का रिटर्न मिल जाएगा और अगर उनको दिखता है कि अच्छा China में 20% मिल रहा है भारत से पैसा निकलेगा और चाइना के मार्केट में डाल देगा कभी उसको दिखेगा की अच्छा ब्राजील में 22% रिटर्न मिल रहा है China से पैसा निकाल करके ब्राजील की मार्केट में डाल देगा यह बहुत ही अपॉर्चुनिटी लोग है और मार्केट लेवल से जब सस्ता होता है इनको उसे मार्केट में रिटर्न ज्यादा मिलता है मार्केट महंगा हो जाता है तो वहां पर इनका एंट्रेंस काम हो जाता हैl
तो अभी एफ आई आई (Fii’s) पैसा निकाल रहे हैं इसका मतलब इनको हर्डल.रेड फरेबल नहीं लग रहा है इनका तो जो कि हर्डल रेड है वे मैच नहीं हो रहा है
Why Stock Market Is Crashing ?
ऐसा नहीं है कि भारत में कुछ अच्छा या बुरा होगा तो Fii’s आएंगे या निकलेंगे क्योंकि वे भारत को कभी भी आइसोलेशन में नहीं दिख रहे हैं
हमेशा कंपेरटिवली किसी भी देश का एनालाइज करते रहते हैं तो इंडिया से वे पैसा इसलिए भी निकल सकता है कि USA tax’s काम हो जाए तो वे देश ज्यादा अट्रैक्टिव हो जाए USA मैं कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकार का कुछ पैकेज आ जाए कुछ बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट आ जाए या और किसी और देश में ब्राजील में China में कहीं भी यूरोप में कुछ भी चेंज हो जाए जो इंडिया के कंपेयर में किसी और मार्केट को कम या ज्यादा फरेबल कर दे भले ही इंडिया में जैसा था सब कुछ वैसा ही रहे दुनिया में चेंज हो रही है ना दुनिया में बहुत मार्केट है लेकिन इंडिया से कंपेयर हर सेकंड हर मिनट Fii’s कर रहे हैं
दूसरे देशों में टैक्स reforms हो सकता है या कुछ फाइनेंशियल stimulus हो सकता है
तीसरी valuation मानलो की एफसीआई को 2 साल पहले China के मार्केट का वैल्यूएशन पसंद नहीं था उसी ऐसा लगता था कि China बहुत महंगा है
इसलिए उसने इंडिया में पैसा डाला अब 2 साल के अंदर भारत का मार्केट ऊपर चले गया और एग्जांपल के लिए चीन का मार्केट Crash हो गया या गिर गया तो फिर जो रीजन से इन्वेस्ट किया था इंडिया में इंडिया सस्ता है China महंगा है लेकिन सिचुएशन तो यहां पर उल्टी हो गई इंडिया महंगा हो गया चीन सस्ता हो गया तो वह इंडिया से पैसा निकाल कर और अपना प्रॉफिट बुक करके China के मार्केट में अपना पैसा डाल देगा
तो जनरली क्या होता है कि किसी बुल मार्केट में बहुत सारे आईपीएस अपॉर्चुनिटी IPOs आते हैं जो चाहता है कि महंगे दम पर हमें भी पब्लिक को चुप करा कर और मोटा पैसा कमाए
अब अचानक से होंडा का आईपीओ आया कई हजार का आईपीओ था तो जो पैसा कहीं और लगा हुआ था किसी Fd में था बैंक में था शायद उससे कोई और स्टॉक खरीद कर या आप उससे म्युचुअल फंड में खरीदे या आप कोई Share खरीदते वह पैसा एकडॉस्टैटिक स्टॉक में ना लगा के एक नया स्टॉक में लगाते क्योंकि एक नया स्टॉक अपॉर्चुनिटी क्रिएट हुए तो एक्जिस्टिंग चीजों में जो पैसा लगा हुआ था और यह जाकर नए जगह में लग गया यानी यह मार्केट से एक्जिस्टिंग लिक्विडिटी बहुत सख्त कर ली यानी पैसा मार्केट से खींचकर एक नई जगह में डाल दिया
यह जो बड़े-बड़े आईपीओ जब आते हैं ना यह मार्केट से लिक्विडिटी सख् कर लेते हैं और लोगों के पास पैसा ही नहीं बचता कि वह किसी अदर जगह इन्वेस्ट करें
Will the Stock Market Fall More?
FIIs जैसे मैंने आपको बताया जितना उसकी मार्केट से पैसा निकलना होगा जैसे अपॉर्चुनिटी होगा वह वैसे ही करेगा तो Fii’s वाले जो पोर्शन है वह बहुत ज्यादा वोलेटाइल है लेकिन बाकी इंडियन रिटेलर इन्वेस्टर डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर उनके पास क्या-क्या ऑप्शन है आपके और मेरे पास क्या ऑप्शन है रियल एस्टेट करप्शन का पैसा काला धन एडजेस्ट होने का कारण इतना महंगा है जिन लोगों के पास काला धन है वह जाकर किसी चीजों में इन्वेस्ट कर देता है जैसे कोई प्रॉपर्टी खरीद लेता है की रिटेलर रियल इन्वेस्टर तो रियल एस्टेट खरीद ही नहीं पता
अभी भी इंटरेस्ट रेट एफडी पर इतना ऊपर नहीं है कि मैं इन्फ्लुएंस को मैच या बीट कर सकूं हार्डलि में मैच कर पाऊंगा लेकिन शेविंग के लिए बहुत अच्छा इंस्ट्रूमेंट है लेकिन इन्वेस्टमेंट के लिए नहीं
रियल स्टेट में करप्शन और माफिया प्राइसेज को कभी-कभी नीचे नहीं आने देता है
तो मैं यहां पर भारत के लिए अपॉर्चुनिटी होना पसंद करूंगा हमें इससे यह सीख लेना है कि रेंडम कोई मोमेंट स्टॉक मार्केट चेंज नहीं करना है safety,Stability प्लस पोटेंशियल returns इन तीनों में ध्यान देना है वरना मार्केट में बहुत बुरा हाल होगा
तो यह मार्केट हमें कुछ सिखाती है तो यह है कि स्टेबिलिटी भी जरूरी है
निष्कर्ष:- तो इस आर्टिकल में स्टॉक मार्केट मैं क्राइसिस क्यों आते हैं इसके बारे में चर्चा किए हैं और आप लोगों को स्टॉक मार्केट में घबराना नहीं है धैर्य के साथ इन्वेस्टमेंट करना है और आगे बढ़ते रहना है! धन्यवाद