भारत की जीडीपी वृद्धि 18 महीने में निचले स्तर पर: शेयर बाजार के लिए आगे क्या है?India’s GDP growth at lowest level in 18 months: What’s next

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भारत की जीडीपी वृद्धि 18 महीने में निचले स्तर पर: शेयर बाजार के लिए आगे क्या है?

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भारत की जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट क्यों आ रही है और इसके मुख्य कारण क्या हैं?मंदी और इसके निहितार्थों का क्षेत्रवार विश्लेषण भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव: निवेशकों के लिए अवसर और जोखिम आर्थिक सुधार और वृद्धि के लिए विशेषज्ञों की भविष्यवाणियां अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेपIndia’s GDP Growth at 18 months भारत की ग्रोथ रेट 7 सहाई मतलब लगभग 18 महीने का न्यूनतम स्तंभ स्तर पर पहुंचा है और जैसे इस समय की खबरें है उसके हिसाब से यह न्यूज़ सही नहीं है मतलब यह है कि आज भारत जो दुनिया की सबसे अधिक पापुलेशन वाले देश में से एक है अगर भारत के अंदर GDP का स्तर इस तरह नुकसान हो रहा हो जीटीपी की ग्रोथ रेट पूरी तरीके से हो रहा हो यह आने वाले टाइम पर एक भयंकर टेंशन की तरफ निशाना है! असल मायने में अगर साल को बांटा जाए तो 1 अप्रैल से लेकर के 31 मार्च तक आप एक फाइनेंशियल ईयर को बांटते है! अगर 1 अप्रैल 2024 से 2025 की बात करें तो इसको आप फाइनेंशियल ईयर 2025 के अंदर चार क्वार्टर होती है चार क्वार्टर मतलब तीमाहिया होती है और तिमाहियों April,May,June यह पहला क्वार्टर है इसके बाद में July,August,September यह दूसरा क्वार्टर है October,November,December क्योंकि दिसंबर चल रहा है यह तीसरा क्वार्टर है फिर जनवरी,फरवरी और मार्च यह चौथा क्वार्टर है हम लोग जो शुरू करते हैं अप्रैल ,May, जून यह फर्स्ट क्वार्टर है यह सेकंड क्वार्टर है इस समय प्रदेश के अंदर की यात्रा की की रेट रही उसका रिजल्ट अब आया है मतलब October,November बीत जाने के बाद आया है और वह जैसे यह रिजल्ट निकाल करके आया उसे रिजल्ट ने दुनिया के दिमाग में एक बहुत बड़ा सेंट बैक दिया है आप लोग पूछेंगे ऐसा भी क्या आ गया उसे रिजल्ट में रिजल्ट में बहुत बड़ी नेगेटिव सी चीज आ गई है नेगेटिव चीज क्या है जहां देश में इस समय अपनी आबादी को इंप्लीमेंट देना है देश को बहुत तेजी से आगे बढ़ाना है देश का सपना है हम फिफ्थ से थर्ड लार्जेस्ट इकोनामी बने हम लोग चाहते हैं कि हमारे सभी सेक्टर Grow करें उसे समय पर पता चल रहा है कि हमारा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का सेक्टर हमारे जो महेश सेक्टर है जिसमें Growth अच्छी जाना चाहिए वह सेक्टर पीछे हो रहा है और उन सेक्टर का रेट नेगेटिव होना यह बहुत बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है

India’s GDP growth at lowest level in 18 months: What’s next

भारत की जीडीपी वृद्धि दर 18 महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, जिससे देश की आर्थिक प्रगति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इस जानकारीपूर्ण Article में, 24 News Campus Hindi इस मंदी के पीछे के प्रमुख कारणों और शेयर बाजार के भविष्य पर इसके संभावित प्रभाव पर चर्चा करते हैं। निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है और सरकार इन चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकती है?

भारत की जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट क्यों आ रही है और इसके मुख्य कारण क्या हैं?

मंदी और इसके निहितार्थों का क्षेत्रवार विश्लेषण
भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव: निवेशकों के लिए अवसर और जोखिम
आर्थिक सुधार और वृद्धि के लिए विशेषज्ञों की भविष्यवाणियां
अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप

India’s GDP Growth at 18 months
भारत की ग्रोथ रेट 7 सहाई मतलब लगभग 18 महीने का न्यूनतम स्तंभ स्तर पर पहुंचा है और जैसे इस समय की खबरें है उसके हिसाब से यह न्यूज़ सही नहीं है मतलब यह है कि आज भारत जो दुनिया की सबसे अधिक पापुलेशन वाले देश में से एक है

अगर भारत के अंदर GDP का स्तर इस तरह नुकसान हो रहा हो जीटीपी की ग्रोथ रेट पूरी तरीके से हो रहा हो यह आने वाले टाइम पर एक भयंकर टेंशन की तरफ निशाना है!

असल मायने में अगर साल को बांटा जाए तो 1 अप्रैल से लेकर के 31 मार्च तक आप एक फाइनेंशियल ईयर को बांटते है!

अगर 1 अप्रैल 2024 से 2025 की बात करें तो इसको आप फाइनेंशियल ईयर 2025 के अंदर चार क्वार्टर होती है
चार क्वार्टर मतलब तीमाहिया होती है

और तिमाहियों April,May,June यह पहला क्वार्टर है

इसके बाद में July,August,September यह दूसरा क्वार्टर है

October,November,December क्योंकि दिसंबर चल रहा है यह तीसरा क्वार्टर है

फिर जनवरी,फरवरी और मार्च यह चौथा क्वार्टर है
हम लोग जो शुरू करते हैं अप्रैल ,May, जून यह फर्स्ट क्वार्टर है

यह सेकंड क्वार्टर है इस समय प्रदेश के अंदर की यात्रा की की रेट रही उसका रिजल्ट अब आया है मतलब October,November बीत जाने के बाद आया है और वह जैसे यह रिजल्ट निकाल करके आया उसे रिजल्ट ने दुनिया के दिमाग में एक बहुत बड़ा सेंट बैक दिया है

आप लोग पूछेंगे ऐसा भी क्या आ गया उसे रिजल्ट में रिजल्ट में बहुत बड़ी नेगेटिव सी चीज आ गई है नेगेटिव चीज क्या है जहां देश में इस समय अपनी आबादी को इंप्लीमेंट देना है देश को बहुत तेजी से आगे बढ़ाना है देश का सपना है हम फिफ्थ से थर्ड लार्जेस्ट इकोनामी बने हम लोग चाहते हैं कि हमारे सभी सेक्टर Grow करें उसे समय पर पता चल रहा है कि हमारा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का सेक्टर हमारे जो महेश सेक्टर है जिसमें Growth अच्छी जाना चाहिए वह सेक्टर पीछे हो रहा है और उन सेक्टर का रेट नेगेटिव होना यह बहुत बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है

हम किस चीज के बारे में चर्चा कर रहे हैं जीडीपी के बारे में:-
आप अपने घर को एक देश मान लो उसे घर की नेट इनकम को चेक करें हो सकता है कि आपके घर में कुछ लोग सामान बनाने का काम करते हैं

 

तो सामान बेचकर पैसा कमाएंगे और दूसरे कुछ लोग ऐसा हो सकता है कि जो नौकरी पैसे में हो और वह नौकरी करके पैसा कमाएंगे तो आप लोगों की घर की जो कुल इनकम है उसके अंदर उन सब चीजों को काउंट किया जाएगा तो क्या घर वाले घर का ही काम करेंगे तो वह अकाउंट किया जाएगा क्या घर का काम करेंगे तो भी और बाहर का काम करेंगे तो भी उसे काम के कारण पैदा हुआ धन को एक देश की सीमा में पैदा हुआ धन को काउंट किया जाएगा

मतलब GDP का कंडीशन यह है कि कौन सा सेक्टर में कितना ग्रोथ हो रहा है और देश कितना तेज़ी से आगे बढ़ रहा है GDP ( Gross Domestic Product)

Money bag with the word GDP and down arrow. Decline and decrease of GDP – failure and breakdown of economy and finances leading to financial crisis and trouble. Drop in gross domestic product

अब जीडीपी का ग्रोथ रेट घट रहा है:- इसका आसान अर्थ यह है कि अपने उतना समान बनाया ही नहीं या फिर सामान के भाव नीचे गिर गए दो ही तो बात हो सकते हैं

भाव कब गिरता है इकोनामी कहता है कि डिमांड और सप्लाई जब डिमांड गिरने लगे तो ऑटोमेटेकली आपके भाव नीचे आता है क्योंकि सप्लायर को जब ग्राहक नहीं मिलेगा और आप माल कम दामों में बेचकर निकल जाओगे

बात यह है की डिमांड ज्यादा है और सप्लाई कम है तो कीमतें कम होती है और अगर डिमांड काम है सप्लाई अधिक है तो ऐसे में कीमत है घटती है

मतलब आप लोगों को जरूरत ही नहीं है इससे ज्यादा माल पैदा करके डाल देते हो

1.भारत का जीडीपी इसलिए नीचे गिर रहा है क्योंकि लोगों के पास रोजगार ही नहीं यह सबसे बड़ी कारण है

2. या फिर महंगाई इसलिए है क्योंकि सरकार ने हर एक चीज में बहुत ज्यादा टैक्स लगाकर बैठा हुआ है

यहां पर दो सबसे बड़ी मुद्दा यहां पर निकाल कर आ रही है पहले टैक्स बहुत लगा रखे हैं दूसरा लोग रोजगार में नहीं है यह दोनों ही स्थितियां भारत के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बनी हुई है इस समय पर

आज के तारीख में हमारे देश दुनिया का सबसे बड़ा आबादी वाला देश में जाना जाता है लेकिन उस आबादी के पास रोजगार का अभाव है तो यहां पर चिंता और निराशा की बात है

हमारा देश का सरकार यह कह रहे हैं कि हमने जीएसटी का कलेक्शन इस बार पिछले साल से ज्यादा किया है मतलब साफ-साफ यह है कि सरकार जो कलेक्शन जो कर रही है अगर सरकार अगर कमाई करने निकल पड़े तो उसे देश का नुकसान होता है जब सरकार देश की ऊपर खर्च करती है तो देश तरक्की करती है
यह जो जीडीपी का ग्रोथ रेट पिछले 18 महीने का जो सबसे कम है इसके पीछे बहुत बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है और यहां बड़ी चिंता यह है कि यह हालत दर्शाता है कि पिछले 18 महीने में सरकार ने कुछ इतना टैक्स उसूल लिया है लोगों से. अगर यह आंकड़ा आप लोग उठ करके देखोगे तो पता चल जाएगा आपलोगों को

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के आंकड़ों में हमेशा जीएसटी की बढ़ोतरी वैल्यू ही दिखाई दे रही है हमने पिछले साल इतना करोड़ रूपया कमाया था इस साल हमने इतने लाख करोड़ काम लिया है तो सरकार कमाने का अपना यंत्र बना लिया है अपने टैक्स को वसूलने के लिए जो तरीका उन्होंने अपनाया है अपने अंदर में पकड़ लिया है की टैक्स से एक भी रुपया इधर से उधर न होने देंगे

मतलब दो बेसिक पैरामीटर पर अगर सरकार काम कर ले की एक तो टैक्स के अंदर राहत दे दे और दूसरा रोजगार के साधन विकसित कर दे तो यह जीडीपी Grow करना शुरू कर देंगे

अगर GDP Grow करेगा तो शेयर मार्केट भी Grow करेगा अगर शेयर मार्केट Growth करेगा तो देश का जीडीपी आगे बढ़ेगा

अगर सरकार दो चीजों में काम करना शुरू कर दे तो पहले रोजगार दूसरा टैक्स को कम कर दे तो देश का जीडीपी ऑटोमेटेकली आगे बढ़ेगा
तो इस आर्टिकल में थोड़ा बहुत भारत के जीडीपी के बारे में चर्चा किए हैं आप लोगों का क्या राय है कमेंट करके जरूर बताइए धन्यवाद

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