ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? ऑप्शन क्या हैं सरल व्याख्या ! What is Option Trading-Definition Types and Strategy

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What Is Option Trading? [24 News Campus Hindi] ऑप्शन ट्रेडिंग, जिसके बारे में कई बार ये सुनने में आता है कि इस ट्रेडिंग में बहुत कम टाइम में बहुत ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है, ऐसे में इस ट्रेडिंग के बारे में जानना तो बनता हैइसलिए तो हमने आज के इस आर्टिकल में बताने वाले हैं ताकि आप ये जान सकें कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है! और यह स्टॉक ट्रेडिंग से किस तरह अलग है? इसके फायदे और रिस्क्स क्या हैं ? ये कितने टाइप्स की होती है ? और ऐसा ही और भी बहुत कुछ इसलिए आप बने रहिये Article के End तक !

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What Is Option Trading?शेयर मार्केट में शेयर खरीद कर पैसा कमाया जा सकता है यह बात आप लोगों के लिए बिल्कुल नया नहीं होगा लेकिन क्या आप लोगों को पता है कि इस मार्केट में बिना Share खरीदे भी पैसा कामना भी पॉसिबल है!

I Think आप लोगों में से ज्यादातर लोगों के लिए यह एक नई बात हो सकती है और पैसा कमाना जैसा बातें तो सभी को आजकल अच्छी लगती है तो ट्रेडिंग का यह तरीका कहलाता है ऑप्शन ट्रेडिंग इसके बारे में कई बार यह सुनने में आता है कि इस ट्रेडिंग में बहुत कम टाइम में बहुत ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है तो ऐसे में इस ट्रेडिंग के बारे में जानना तो बेहद जरूरी है 

इसलिए तो हम आप लोगों को इस आर्टिकल में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है यह स्टॉक ट्रेडिंग से किस तरह अलग है इसके फायदे और रिस्क क्या है यह कितने टाइप्स के होते हैं इसके बारे में चर्चा करेंग?

Option Trading:- एक तरह का फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट होता है जो फ्यूचर में आने वाले समय में आपको शेयर खरीदना या बेचने का अधिकार देता है

Option Trading Stock Market का एक पाठ है और यह एक तरह की डेरिवेटिव ट्रेडिंग है

What Is Derivative Trading?

What Is Derivative Trading
What Is Derivative Trading

Derivative Trading Stock Market और कमोडिटी मार्केट दोनों में होता है आप लोगों को बता दूं कि कमोडिटी मार्केट में Gold, Oil और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट आते हैं

और स्टॉक मार्केट में शेयर्स बाउंड म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव एक्स्ट्रा आते हैं

जहां स्टॉक ट्रेडिंग में आप लोग कंपनी का एक हिस्सा खरीदने हैं वही डेरिवेटिव ट्रेडिंग में आप किसी भी चीज पर यानी अंडरलाइन एसिड की कीमत पर दम लगाते हैं

इसमें खास बात यह है कि वह चीज आप लोगों के पास होती नहीं है इस तरह की ट्रेडिंग में आप किसी चीज की कीमत बढ़ेगा या घटेगा इस पर दम लगाया जा सकता है और इन्हें अंडरलाइनिंग एसिड कहा जाता है

Derivative Trading Two Types के होते हैं फ्यूचर एंड ऑप्शन और इनके अलावा under डेरिवेटिव में फॉरवर्ड और स्वयंप भी आते हैं

तो डेरिवेटिव ट्रेडिंग के बेसिक कॉन्सेप्ट के बाद अब इसके एक टाइप यानी ऑप्शन ट्रेडिंग पर फोकस करते हैं और यह जानते हैं कि ट्रेडिंग स्टॉक से किस तरह अलग होते हैं

तो स्टॉक का खरीदना जैसे आपने किसी चीज का दुकान खोले हैं और आप उसके ओनर बन जाते हैं और दुकान का पूरा फायदा या नुकसान जो भी हो यह आपका होता है

वही ऑप्शन ट्रेडिंग में ऑप्शन खरीदना जैसे दुकान में सामान खरीद कर एक हिस्सा रख देते हैं और दुकानदार से बोलते हैं कि फ्यूचर में अगर इसका दाम बढ़ेगा तो इसमें से कुछ परसेंटेज हमको भी मिलना चाहिए दुकानदार बोलता है ठीक है लेकिन अगर फ्यूचर में इसका दाम घट गया तो नुकसान जो आप प्रीमियम दिए हैं वह आपका डूब जाएगा इसी को ऑप्शन ट्रेडिंग कहते हैं

ऑप्शन मेनली दो प्रकार का होता है

1. कॉल ऑप्शन

2. दूसरा पुट ऑप्शन

कॉल ऑप्शन वह कांट्रैक्ट है जिसमें आपको किसी Share को एक फिक्स डेट तक एक फिक्स प्राइस तक फ्यूचर में खरीदने का हक मिलता है लेकिन खरीदना जरूरी नहीं है यह फिक्स डेट एक्सपायरी डेट कहलाता है फिक्स्ड प्राइस स्ट्राइक प्राइस कहलाता है आप यह हक खरीदने के लिए एक छोटी सी रकम यानी प्रीमियम देते हैं यह प्रीमियम कई फैक्टर पर डिपेंड करता है

जैसे कि Share की Current प्राइस, स्ट्राइक प्राइस एक्सपायरी डेट तक एक टाइम एक्स्ट्रा

अगर Share की कीमत एक्सपायरी से पहले स्ट्राइक प्राइस से ज्यादा हो जाती है तो कॉल ऑप्शन अवेलेबल हो जाता है ऐसे में आप इस हक का इस्तेमाल करके पैसा कमा सकते हैं

इसे एक एग्जांपल से समझते हैं!

मान लीजिए की कंपनी का Share ₹1800 का है अब आप सोचते हैं कि यह 2000 तक जाएगा तो आप एक कॉल ऑप्शन खरीदेते हैं जिसका एक्सपायरी एक महीने के बाद है और स्ट्राइक प्राइस ₹1900 हैं आपने इसके लिए ₹50 प्रीमियम दिए हैं अब उसे कंपनी का Share 2000 हो जाता है तो आपका ऑप्शन का कीमत बढ़ जाएगी आप इसे बेचकर अच्छा खासा प्रॉफिट कमा सकते हैं

लेकिन उस कंपनी का Share ₹1600 हो जाता है तो आपका ऑप्शन की कीमत जीरो हो जाएगी और आपका ₹50 का नुकसान हो जाएगा इस तरह से आप कॉल ऑप्शन से आप का फायदा और नुकसान दोनों हो सकता है!

और अब बात करें Put Option की तो put option एक तरह की कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें आपको यह हक मिलता है कि आप किस चीज जैसे Share को एक फिक्स्ड प्राइस पर और एक फिक्स्ड डेट तक बेच सकते हैं लेकिन ऐसा करना कोई कंपलसरी नहीं है

Put Option मैं स्ट्राइक प्राइस का वह कीमत है जिस पर आप भविष्य में Share को बेच सकते हैं 

इससे और बेहतर तरीके से समझने के लिए इसे एक एग्जांपल से समझते हैं?

मान लीजिए कि आप किसी एसिड में इन्वेस्ट कर रखा है और आपको डर है कि उसकी कीमत घट सकता है तो आउटपुट ऑप्शन को खरीद कर अपने नुकसान को सीमित कर सकते हैं इसके लिए आप ₹100 का स्ट्राइक प्राइस का एक पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं

और इसका मतलब यह है कि आप एक महीने बाद उस Share को ₹100 प्रति Share बेचने का अधिकार खरीद रहे हैं चाहे उस समय Share की कीमत कुछ भी हो इसके लिए अपने ₹5 प्रति Share का प्रीमियम भी दिया है

अब अगर एक महीने के बाद Share की कीमत ₹80 हो जाता है तो आप अपना Put ऑप्शन का Use करके शेयर को ₹100 में बेच सकते हैं इससे आपको हर Share पर ₹20 का प्रॉफिट होगा

लेकिन एक महीने के बाद Share की कीमत 120 रुपए की हो जाती है तो आप अपनी पुट ऑप्शन का Use नहीं करेंगे क्योंकि Share को आप बाजार में ₹120 में बेच सकते हैं लेकिन इस सिचुएशन में आपका पुट ऑप्शन बेकार हो जाएगा और आपने जो ₹5 का प्रीमियम दिए थे वह आपको वापस नहीं मिलेगा
तो इस तरह कॉल ऑप्शन आपको शेयर खरीदने का अधिकार देता है और पुट ऑप्शन शेयर बेचने का अधिकार देता है

अगर आपको लगता है कि किसी चीज की कीमत बढ़ेगी तो आप कॉल ऑप्शन का use कर सकते हैं और अगर आपको लगता है कि किसी चीज की कीमत घटेगी तो पुट ऑप्शन का use कर सकते हैं

Option Trading मैं इन दोनों ट्रेडिंग के अलग ऑप्शन में कई तरह के Strategyजी होते हैं!

यह Strategy की मार्केट के बारे में आपको अनुमान के बेस पर बनाई जाती है जैसे अगर आपको लगता है कि कोई Share बढ़ेगा तो आप एक तरह के स्ट्रेटजी को अपनाएंगे और अगर आपको लगता है कि Share की प्राइस घटेगा तो आप दूसरी तरह के स्ट्रेटजी अपनाएंगे

एक स्ट्रेटजी होता है Bullish ऑप्शन स्ट्रेटजी और एक होता है Bearish ऑप्शन Strategy और एक होता है नेचुरल ऑप्शन स्ट्रेटजी
Bullish Option Startegy:-
Bullish ऑप्शन स्ट्रेटजी का मतलब होता है कि आप यह मान रहे हैं कि Share की कीमत बढ़ेगी इस बेस पर आपको कुछ ऑप्शन को खड़ीदेते हैं या बेचते हैं

Bearis Option Startegy:- Bearish ऑप्शन स्ट्रेटजी का मतलब है कि मान रहे हैं कि Share की कीमत गिरेगी इस Base पर कुछ ऑप्शन को खरीदने या बेचते हैं

Neutral Option Startegy:-नेचुरल ऑप्शन स्ट्रेटजी का मतलब है कि आप यह मान रहे हैं कि Share की कीमत ज्यादा नहीं बढ़ेगी और ज्यादा नहीं गिरेगी यानी कीमत लगभग लगभग स्टेबल रहेगी इस बेस पर आप कुछ ऑप्शन को खड़ीदेते या बेचते हैं

इनमें से सही टाइम पर सही स्ट्रेटजी का use कर पाना एक्सपीरियंस ,नॉलेज और रिस्क के Base पर ही पॉसिबल हो पता है

Lekin option trading kahan ki jaati hai to aap Bharat mein आप इसी stock exchange jaise ki [NSE National Stock Exchange aur BSE Mumbai Stock Exchange] per kar sakte hain
आप लोगों को यह जानना भी बहुत जरूरी होता है कि ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत ज्यादा हाई रिस्क होता है

सिर्फ बेसिक नॉलेज से आप ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह ट्रेडिंग बहुत ज्यादा रिस्की होता है इसलिए बेहतर यह होता है कि पहले ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में पूरी डिटेल में बेसिक एडवांस्ड नॉलेज लेना चाहिए उसके बाद ही ऑप्शन ट्रेडिंग के फील्ड में उतरना चाहिए

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